Thursday, September 6, 2012

जिन्होने मुझे भुला दिया.....



सुना था कि,
वक्त के साथ, लोग बदल जाते है ,
लोग अपनो को भी, पराया कर देते है ,
पर मुझे इस बात पर विश्वास नही था ।

मै सोचता था कि,
कैसे लोग भूल सकते है अपनो को ,
कैसे भूल सकते है, साथ देखे सपनो को ,
कैसे कभी कोई रिश्ता टूट सकता है ,
कैसे कभी कोई साथ छूट सकता है ,

फिर मैने देखा,
लोगो की जरूरते बदलते हुए ,
कुछ रिश्ते बनते और कुछ टूटते हुए ,
कुछ खासम-खाश भी छूटते हुए ।

अब मै सोचता हू कि,
क्यो लोग भूल जाते है एक-दूसरे को ,
क्या सभी मतलबी है या सभी व्यस्त है ,
या फिर उनकी जरूरते बदल गयी है ,
या फिर हमारी जगह, किसी और ने ले ली है ।

कही सुना था कि, इस दौर मे , "GEOGRAPHICAL DISTANCE" का फ़र्क नही पडता ,
अगर ऐसा है तो फिर क्यो मेरे call का कोई जवाब नही आता ,
मेरे mail उनके spam मे क्यो जाते है ,
क्यो हम उन्हे याद नही आते है ।

एक गुजारिश है,
अगर मेरा कोई replacement मिल जाये आपको ,
तो कप्या मुझे बताने मे सकोच ना करे ,
फिर मै भी आपको ignore कर दिया करूगा ,
कभी mail, chat या call से, disturb ना करूगा ।

हा, और एक बात,
जिनके लिये मै खास हू ,
माना शब्द थोडे कडे है , पर अर्थ गहरे है ,
मै किसी को कभी भुलाता नही ,
इसलिये, "YOU PEOPLE ARE WELCOME ANYTIME"

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