सुना था कि,
वक्त के साथ, लोग बदल जाते है
,
लोग अपनो को भी, पराया कर देते है
,
पर मुझे इस बात
पर विश्वास नही था ।
मै सोचता था कि,
कैसे लोग भूल
सकते है अपनो को ,
कैसे भूल सकते
है, साथ देखे सपनो को
,
कैसे कभी कोई रिश्ता टूट सकता है ,
कैसे कभी कोई
साथ छूट सकता है ,
फिर मैने देखा,
लोगो की जरूरते
बदलते हुए ,
कुछ रिश्ते
बनते और कुछ टूटते हुए ,
कुछ खासम-खाश
भी छूटते हुए ।
अब मै सोचता हू
कि,
क्यो लोग भूल
जाते है एक-दूसरे को ,
क्या सभी मतलबी
है या सभी व्यस्त है ,
या फिर उनकी
जरूरते बदल गयी है ,
या फिर हमारी
जगह, किसी और ने ले ली है ।
कही सुना था कि, इस दौर मे , "GEOGRAPHICAL DISTANCE" का फ़र्क नही
पडता ,
अगर
ऐसा है तो फिर क्यो मेरे call का कोई जवाब नही आता ,
मेरे
mail उनके spam मे क्यो जाते है ,
क्यो
हम उन्हे याद नही आते है ।
एक
गुजारिश है,
अगर
मेरा कोई replacement मिल जाये आपको ,
तो
कप्या मुझे बताने मे सकोच ना करे ,
फिर
मै भी आपको ignore कर दिया करूगा ,
कभी
mail, chat या
call से, disturb ना करूगा ।
हा, और एक बात,
जिनके
लिये मै खास हू ,
माना
शब्द थोडे कडे है ,
पर अर्थ गहरे है ,
मै
किसी को कभी भुलाता नही ,
इसलिये, "YOU PEOPLE ARE
WELCOME ANYTIME" ।
kisne bhula diya tumhe..??? Senti devta.. :P ..
ReplyDeleteKuch baatein PUBLIC mein nahi poocha karte...!!
ReplyDeleteNice
ReplyDeletewe'll be together... True Friends :)
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDelete